
बिहार यंग थिंकर्स फोरम ने ३० जुलाई को एक
वेब-संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी का विषय "कोविड-19: प्रसंग, चुनौतियां और समाधान ’था एवं इसमें देश एवं
विदेश के प्रख्यात विशेषज्ञों के हिस्सा लिया । बिहार में बिगड़ती महामारी की स्थिति
और उससे उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर, बिहार यंग थिंकर्स फोरम ने विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों को एक मंच पर लाकर कोविड-19 की समस्याओं और समाधानों के बारे में लोगों
को जागरूक किया ।
पहली वक्ता प्रो (डॉ) उमा कुमार, विभागाध्यक्ष,
डिपार्टमेंट ऑफ रयूमेटोलॉजी,
एम्स, नई दिल्ली थी । डॉ
कुमार ने प्रतिभागियों को COVID -19 की मूल बातें बताईं और इसके लक्षणों,
प्रवेश तंत्र और माध्यमों
पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मास्क का उपयोग करने, सामाजिक दूरी बनाये
रखने और नियमित हाथ धोने के संबंध में कुछ व्यावहारिक सावधानियां दोहराईं। वर्तमान
में निदान के लिए विभिन्न तकनीकों के बारे में भी उन्होंने विस्तृत जानकारी दी । RT-PCR
टेस्ट और एंटीजन टेस्ट
का उदहारण देते हुए उन्होंने बताया कि टेस्टिंग तभी आवश्यक है जब किसी को सांस लेने
में तकलीफ होने लगे। बिहार पर विशेष ध्यान देने के साथ, प्रो कुमार ने कहा
कि यद्यपि सार्वजनिक स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा बिहार में अन्य राज्यों से पिछड़ा
हुआ है, फिर भी डॉक्टर समुदाय एवं सरकारी तंत्र कोरोना महामारी की चुनौती को संबोधित करने
की पूरी कोशिश कर रहा है। उन्होंने प्रतिभागियों के प्रश्नों को भी संबोधित किया और
वायरस से बचाव के लिए विभिन्न सलाहें दी। उन्होंने कोरोना मरीज़ों के ठीक होने की उच्च
दर, टीकाकरण की संभावनाओं और समग्र रूप से मानव जाति के लिए बेहतर कल होने के संबंध
में एक आशावादी नोट पर अपनी बात समाप्त की।
श्री अजय शर्मा, मोटिवेशनल स्पीकर,
जीवनशैली कोच,
सर्टिफाइड योगा ट्रेनर,
और हेल्थ डालन (कनाडा)
के संस्थापक ने मुंगेर स्कूल ऑफ योग में अपनी जीवन यात्रा और योग में दीक्षा के बारे
में बताया । श्री शर्मा ने विटामिन डी और कोविद-19 के बीच संबंध पर एक
विस्तृत और सूचनात्मक प्रस्तुति की और ये बताया कि कैसे विटामिन-डी की कमी मरीज़ों की मृत्यु दर में
एक प्रमुख भूमिका निभाता है। उन्होंने विटामिन डी के विभिन्न स्रोतों और इसके पूरक
के बारे में भी जानकारी दी। श्री अजय ने हमारे दैनिक दिनचर्या की उन अंतर्निहित स्थितियों
का भी वर्णन किया है जिनसे कोरोना महामारी की स्थिति में घातक वृद्धि हुई है। वर्तमान
परिदृश्य को 'समृद्ध लोगों की महामारी' के रूप में बताते हुए, सर ने जीवनशैली संबंधी
विकारों को कम करने के लिए योगासन, उपवास और कसरत जैसे कई तरीके सुझाए।
श्री कुणाल, आईएएस अधिकारी,
सत्र के तीसरे वक्ता
थे और वर्तमान में मुख्य निर्वाचन अधिकारी, गोवा राज्य के रूप
में कार्यरत हैं । उन्होंने महामारी की स्थिति में विभिन्न राज्यों में प्रशासनिक गतिविधियों
और स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन किया। श्री कुणाल ने विभिन्न मोर्चों
पर सरकारों द्वारा की गई पहलों के बारे में बताया। प्रतिभागियों से सवालों के जवाब
देते हुए, उन्होंने लोगों से जारी दिशानिर्देशों और सावधानियों का सख्ती से पालन करने की
भी अपील की। कोविड-19 की स्थिति को काबू करने और संक्रमितों के लिए सामाजिक समर्थन
की आवश्यकता को दोहराते हुए, उन्होंने सार्वजनिक जागरूकता के लिए आह्वान किया। बिहार के श्रमिकों के दूसरे राज्यों से पुनः बिहार
में पलायन करने एवं महामारी और बाढ़ की स्थिति से निपटने की प्रशासन की भूमिका की प्रशंसा
करते हुए, उन्होंने राज्य में प्रौद्योगिकी के नव स्थापना और व्यापक कोरोना परीक्षण पर बल
दिया।
एक बेहद ही ज्ञानवर्धकऔर उत्साहजनक सत्र,
एक सकारात्मक दृष्टि
प्रदान करते हुए समाप्त हुआ। वक्ताओं ने आशा व्यक्त की कि राज्य में स्वास्थ्य मशीनरी
का समर्थन करने और समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए BYTF जैसे नागरिक समाज समूहों
और मंचों की भूमिका भविष्य में और प्रखर होगी।